सौरमंडल में हीरे के विशाल समन्दर / Massive diamonds in the solar system ➨
युरेनस और नेप्च्यून पर है तरल हीरे के विशाल भंडार , लेकिन ग्रहों तक पहुचना मुश्किल
सौरमंडल में हीरे के विशाल समुद्र मौजूद है | जिनकी सतह पर ठोस हीरे / Solid diamonds के खंड तैर रहे है | वैज्ञानिको दावा है कि युरेनस और नैप्च्युन ग्रहों पर हीरे के समुद्र हो सकते है जिन पर ठोस हीरो के विशालकाय खंड तैर रहे है | यह खुलासा नेचर मैग्जीन / Nature magazine के नवीनतम अंक में किया गया है |
हीरे का मेल्टिंग पॉइंट / Diamond melting point
दरअसल हीरे के मेल्टिंग पॉइंट (गलनांक) लेकर चल रही रिसर्च / Research के वक्त ये तथ्य सामने आया है कि हिरा पिघलने के बाद पानी कि तरह व्यवहार करता है यानी ठोस हीरे के खंड पिघले हुए हीरे पर तैरते है | इसी सनसनीखेज तथ्य से वैज्ञानिक हीरे और सौरमंडल के दूरस्थ ग्रहों के बारे में और जानकारी हासिल करने में सफल रहे है | वैज्ञानिक एगर्ट / Egert कहते है , हालांकि हीरा धरती पर पाई जाने वाली एक सामन्य वस्तु है लेकिन आजतक इसके पिघलने पर कोई अध्ययन नहीं हो पाया है | हम सिर्फ इसे उच्च ताप पर गर्म कर नहीं पिघला सकते , इसके लिए उच्च दाब कि भी जरूरत होती है जो इस प्रक्रिया को काफी जटिल बना देता है और ताप नापना मुश्किल हो जाता है |
हीरे को पिघलाने के क्रम में एक और कठिनाई है और वो यह है कि जब हीरे को गर्म किया जाता है तो वो अपना मूल स्वरूप खोकर उच्च तापमान पर ग्रेफाइट / Graphite में बदल जाता है | एगर्ट और उसके सहयोगियों ने एक प्राकृतिक हीरे का एक छोटा सा टुकड़ा लिया जो एक कैरेट के दसवे भाग के बराबर वजन वाला और आधा मिलीमीटर मोटा था | इस हीरे पर युरेनस और नेप्च्यून जैसे उच्च दाब के साथ-साथ लेजर द्वारा इसे ब्लास्ट किया गया | इस हीरे को धरती के मुकाबले चार करोड़ गुना अधिक वायुमंडलीय दाब पर पिघलाया गया और धीरे-धीरे इसका ताप और दाब कम किया गया | जब यह दाब कम होकर वायुमंडलीय दाब का 1.1 करोड़ गुना के स्तर पर पहुचा और तापमान भी 50 हजार डिग्री तक कम किया गया तो हीरे के ठोस टुकड़े दिखाई देने लगे |
इस दौरान दाब कम होता रहा लेकिन तापमान वही रखा गया | इस प्रक्रिया में हीरे के ठोस टुकडो की संख्या बढती रही | इस अध्ययन के दौरान चौकाने वाली बात यह देखी गई कि हीरे के ये टुकड़े बाकी तरल में डूबे नहीं बल्कि नहीं बल्कि तैरते रहे | हीरा पानी की तरह व्यवहार कर रहा था | युरेनस और नेप्च्यून ग्रहों का दस प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा कार्बन / carbon का ही रूप होता है | वैज्ञानिक टॉम डफी / Tom duffy के मुताबिक इन ग्रहों पर हीरे के विशाल भंडार होने का दावा नया नहीं है लेकिन इस नये शोध से इस बात को और ज्यादा बल मिला है | इन ग्रहों पर या तो यान द्वारा पंहुचा जा सकता है या धरती पर प्रयोगशाला में ही स्थितिया रची जा सकती है लेकिन ये दोनों ही तरीके अत्यंत कठिन है
हिरा कैसे बनता है / How is a diamond made ?
हीरा पूरी तरह कार्बन का बना होता है जो धरती कि सतह से 120 - 200 किलोमीटर कि गहराई में पाया जाता है | धरती में अत्यधिक तापमान और उच्च दाबव के कारण कार्बन के अणु आपस में मिलकर क्रिस्टल बन जाते है जो हीरे कहलाते है | धरती के भीतर हो रही उथल-पुथल के कारण हुए ज्वालामुखी विस्फोट के चलते ये हीरे बाहर निकल आते है |
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