पृथ्वी की उत्पति के बाद सर्वप्रथम बनी चट्टान ➨ 


आग्नेय शब्द लैटिन भाषा के " इग्निस " से बना है , जिसका अर्थ होता है आग | चट्टानो की रचना धरातल के नीचे स्थित तप्त एवं तरल मैग्मा के शीतलन के परिणामस्वरूप उसके ठोस हो जाने पर होती है | पृथ्वी की उत्पत्ति के पश्चात सर्वप्रथम इनका निर्माण होने के कारण इन्हें  " प्राथमिक शैल " भी कहा जाता है |

रूपांतरित तथा अवसादी चट्टानें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इनसे ही संबंधित होती है | ज्वालामुखी उद्गार के समय भूगर्भ से निकलने वाला लावा भी धरातल पर जमकर ठंडा हो जाने के पश्चात आग्नेय  शैलों में परिवर्तित हो जाता है ये कठोर चट्टाने है , जो दानेदार भी होती है | इन चट्टानों में परतो का पूर्णत: अभाव पाया जाता है |

प्रवेश्यता अधिक होने के कारण इन पर रासायनिक अपक्षय का बहुत कम प्रभाव पड़ता है , लेकिन यांत्रिक एवं भौतिक अपक्षय के कारण इनका विघटन व वियोजन प्रारंभ हो जाता है | इन चट्टनो में जीवाश्म नहीं पाए जाते हैं | इनका अधिक विस्तार ज्वालामुखी क्षेत्रों में ही होता है | ग्रेनाइट , पेरिडोटाईट , फेलसाईट , पिचस्टोंन , प्युमिस व परलाईट इत्यादि आग्ने चट्टनो के प्रमुख उदहारण है |