तो खत्म हो जाएगी समूची मानव प्रजाति ➨
➢ जीवन के अंत का नया दौर / New end of life
➢ रीढ़ की हड्डी / spinal cord वाले जानवरों के लुप्त होने की डर सामान्य से 114 गुना तेज
धरती पर जीवन का अतं एक नए दौर में है | सबसे पहले विलुप्त होने वाली प्रजातियों में मानव हो सकते है | अमेरिका के तीन विश्विद्यालय के अध्ययन में यह बात सामने आई है | स्टेनफोर्ड , प्रिंस्टन और बर्कले विश्विद्यालय के अध्ययन में कहा गया है कि रीढ़ की हड्डी वाले जानवरों के लुप्त होने की डर सामान्य से 114 गुना तेज है | शौधाकर्ताओ का कहना है कि हम लुप्त होने के छठे बड़े दौर में प्रवेश कर रहे है | इंसानों के शुरूआती दौर में ही विलुप्त होने की आशंका है | वैज्ञानिकों का कहना है कि इतना बड़ा नुकसान आम तौर पर 10,000 सालो में देखा जाता है |
➢ हर 50 साल में खत्म
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ़ नेचर / International Union for Conservation of Nature का कहना है कि हर साल कम से कम 50 जानवर खत्म होने के करीब आ जाते है | गौर हो कि इसी तरह के निष्कर्ष बीते साल ड्यूक विश्विद्यालय के एक अध्ययन में भी सामने आए थे | यह ताजा अध्ययन साइंस एडवांसेज जर्नल में छपा है | प्रमुख शोधकर्ता गेराडो सेबलोस का कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो धरती पर जीवन फिर से आने में कोई लाखो साल लग जाएंगे |
➢ 400 प्रजातीय वुलुप्त हो गई
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 1900 में अब तक रीढ़ की हड्डी वाले जानवरों की 400 प्रजातीय लुप्त हो चुकी है |बड़े पैमाने पर प्रजातीयो के लुप्त होने कि आखिरी घटना साढ़े छह करोड़ साल पहले घटी थी , जब डायनासोर धरती से लुप्त हो गए |
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