मौत की घाटी में तैरते पत्थर ➨


इन पत्रों ने पूरे विज्ञान जगत को हैरत में डाल रखा है | ये रेगिस्तान इलाके में रेत पर बिना किसी सहारे के सरकते देखे जा सकते हैं | 

50 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान वाली केलिफोर्निया की डैथ वैली इन साधारण से पत्थरो ने पूरे विज्ञान जगत को हैरत में डाल रखा है | रेगिस्तानी इलाके में पाए जाने वाले ये पत्थर रेत में एक जगह से दूसरी जगह बिना किसी सहारे के सरकते देखे जा सकते हैं | डैथ वैली में सिर्फ छोटे-मोटे ही नहीं , बड़े-बड़े पत्थर भी हर दिशा में आसानी से अपने-आप सरकते रहते हैं |

साथ में एक पत्थर 350 गज से ज्यादा तक का सफर तय कर लेता है | वैज्ञानिकों को लगता है कि मौसम की कुछ कंडीशन्स के एक साथ होने पर यह प्रक्रिया होती है | इसी तरह कुछ अध्ययन इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि 90 मील प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने वाली हवा , रात को जमीन पर बर्फ जम जाने और सुबह के वक्त रेगिस्तान की भीगी हुई ऊपरी सतह के मिले-जुले प्रभाव से यह पत्थर सरकते है |

इन पत्थरों के रहस्य ने  40 वर्षीय फोटोग्राफर माइक बायर्ने को तो ऐसे आकर्षित कर रखा है की उन्होंने इन  पर डॉक्यूमेंट्री बनाने में कई साल लगा दिए | उनकी खींची गई इन अद्भुत तस्वीरों को देखकर कह सकते हैं कि ये असल जिंदगी के चलते-फिरते पत्थर हैं | उनके अनुसार यह पत्थर ऐसी जगह भी चलते हैं , जहां कभी इंसान के पैर नहीं पढ़े |