जहाँ बदल जाती है प्रकाश की आवृति और प्रकृति

जहाँ बदल जाती है प्रकाश की आवृति और प्रकृति ➨


प्रकृति में कई ऐसे पदार्थ पाए जाते है , जिन पर जब उच्च आवृति या निम्न तरंग दैर्ध्य का प्रकश ( जैसे पराबैंगनी प्रकाश ) डाला जाता है तो ये उसे आवशोषित कर अंदर से आपेक्षाकृत निचली आवृति या उच्च तरंग दैर्ध्य का प्रकाश उत्सर्जित करते है |

उनके द्वारा प्रकाश का उत्सर्जन तभी तक होता है , जब तक उन पर प्रकाश डाला जाता है | इस घटना को ही प्रतिदीप्ति कहते है व ऐसे पदार्थो को प्रतिदीप्ति पदार्थ कहते है | अलग-अलग प्रतिदिप्ती पदार्थ भिन्न - भिन्न तरीको से प्रकाश का उत्सर्जन करते है |  फ्लोरस्पार , कुनिन सल्फेट , युरेनियम ऑक्साइड , बेरियम प्लेटिनो सायनाइड आदि प्र्तिदिप्ति पदार्थो के उदहारण है |

इन पदार्थो के दैनिक जीवन में कई उपयोग देखने को मिलते है | इनकी सहायता से आँखों से न दिखाई देने वाले विकिरणों जैसे - पराबैंगनी किरणे , एक्स किरणे आदि का पता लगाया जाता है | आजकल घरो में प्रयोग की जाने वाली ट्यूबलाईट में भी विभिन्न प्रकार के प्र्तिदिप्ति पदार्थो का लेप चढाते है , जिससे उनसे विभन्न रंगों का प्रकाश उत्सर्जित होता है | ट्यूब की सतह पर कैडमियम बोरेट का लेप चढाने पर वह गुलाबी प्रकाश उत्सर्जित करती है | जिंक सल्फेट का लेप चढाने पर हरे रंग का प्रकाश उत्सर्जित होता है | 

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