सत्रहवी सदी में खोजा गया शनी का दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह

सत्रहवी सदी में खोजा गया शनी का दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह ➨


रिया हमारे सौरमंडल का नौवा व शनि ग्रह का दूसरा सबसे बड़ा प्राकृतिक उपग्रह है , जिसकी खोज 23 दिसंबर 1672 को इतालवी खगोलविद जियोवानी डोमेनिको कासिनी ने की थी | यह एक बेहद ठंडा खगोलीय निकाय है , जिसका व्यास 1528 किमी (949) है | इसकी सतह का तापमान -281 डिग्री से लेकर -364 डिग्री फरेनहाईट के बिच है |

 इसका घनत्व जल के घनत्व के मुकाबले 1.233 गुना है , जो बताता है की इसका ज्यादातर हिस्सा बर्फ का बना है | इसके अलावा इसकी सतह की उच्च परावर्तित भी इसके जलीय बर्फ से बने होने की पुष्टि करती है , क्योकि जलीय बर्फ इस उपग्रह के तापमान की रेंज में चट्टान की तरह ही होती है | इस उपग्रह की गिनती सौरमंडल के सर्वाधिक गर्तदार उपग्रहों में भी की जाती है , जिसका सबसे बड़ा गर्त 300 किमी (190 मिल ) के दायरे में फैला है |

 इस उपग्रह का यह नाम ग्रीक देवी " रिया " के नाम पर पड़ा , जिन्हें ग्रीक मान्यता में देवमाता का भी दर्जा प्राप्त है | पहले माना जाता था की यह उपग्रह वायुरहित है , लेकिन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी " नासा " के एक मिशन के जरिय इसके इर्द-गिर्द एक सूक्ष्म वायुमंडल " एक्जोस्फियर " की मौजूदगी का पता चला है , जिसमे ओक्सिजन व कार्बनऑक्साइड जैसी गैस 5/2 के अनुपात में मौजूद है | 

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