किरणे , जो बगैर फैले दूर तक जाती है - LASER ➨
लेजर किरणों की खोज वर्ष 1960 में अमेरिकी विज्ञानी टीएच मेमन ने की थी | LASER शब्द Light Amplification By Stimulated Emission Of Radiation का संक्षिप्त रूप है , जिसका अर्थ है - विकिरण के उद्दीपित उत्सर्जित द्वारा प्रकाश का प्रवर्धन | इन किरणों को उत्पन्न करने के लिए रूबी नियोडीमियम ग्लास , हीलियम , नियौन , आर्गन , कार्बोम-डाई-ऑक्साइड , गैलियम फॉस्फाइड आदि तत्वों का प्रयोग किया जाता है |
इन तत्वों को उत्तेजित करने के लिए जिनौन फ्लैश लैम्प , क्रिप्टोन लैम्प इत्यादि का इस्तेमाल होता है | लेजर कई प्रकार के होते है , जैसे - गैस लेजर , रूबी लेजर , अर्द्धचालक लेजर इत्यादि | लेजर किरणों में एक ख़ास गुण होता है की ये बिना फैले एक ही दिशा में बहुत दूर तक जा सकती है |
ये किरणे केवल एक ही रंग को होती है , जबकि साधारण प्रकाश किरणे सात रंगों बनी होती है | इन किरणों की तीव्रता बहुत अधिक होती है | आधुनिक युग में लेजर किरणों का इस्तेमाल चिकित्सा विज्ञान , उद्दोग , संचार क्षेत्र , कंप्यूटर , होलोग्राफि , टेलीविजन , मौसम विज्ञानं , अंतरिक्ष विज्ञानं के अलावा प्रदुषण ज्ञात करने , भूकंप का पता लगाने इत्यादि में किया जाता है |
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