अमेरिका द्वारा किया गया सबसे शक्तिशाली परमाणु परिक्षण ➨


अमेरिका ने 1 मार्च 1954 को प्रशांत महासागर में स्थित मार्शल द्वीप समूह के बिकनी द्वीप  पर एक थर्मोन्यूक्लियर हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था, जिसे उसने "केसल  ब्रावो" नाम दिया था | अमेरिका द्वारा किया गया सबसे शक्तिशाली परमाणु परीक्षण था, जिसमें 15 मेगाटन ऊर्जा  विमुक्त हुई थी |

 इसकी संहारक क्षमता दितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा हिरोशिमा व नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बमों से 1000 गुना तक ज्यादा थी | अमेरिका का यह दूसरा हाइड्रोजन बम परीक्षण था | इससे पहले वह 1 नवंबर 1952 को 10.4 मेगाटन क्षमता के हाइड्रोजन बम का परीक्षण कर चुका था | इस परिक्षण के चलते बिकनी पर मोजूद एक प्रवाल द्वीप पूरी तरह वाष्पीकृत हो गया और वहा पर 175 फिट गहरा गड्ढा बन गया |

विस्फोट से उठे मशरूम से आकर के बादल का फैलाव 100 मिल दूर तक देखा गया | इस परिक्षण के नतीजे अनुमान से कही अधिक भीषण थे | परिक्षण के वक़्त समुद्र में अस्सी मिल दूर एक जापानी नौका "लूसी ड्रेगन" पर मौजूद सभी 23 लोग इसके रेडियोधर्मी विकिरण से गंभीर रूप से प्रभावित हुए | इस रेडियोधर्मी  विकिरण से प्रभाव के चलते अगले कई दशको तक बिकिनी द्वीप पर लोगो को नहीं बसाया जा सका |