कुछ प्राचीन कैलेण्डर में दर्ज है यह अनूठा तारीख ➨


30 फरवरी का उल्लेख ग्रेगोरियन कैलेंडर को छोड़कर कुछ प्राचीन कैलेंडरों को छोड़कर कुछ प्राचीन कैलेंडरों में मिलता है प्राचीन स्वीडीश साम्राज्य ( जिसमें फिनलैंड भी शामिल था)  ने जूलियन कैलेंडर की जगह ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपनाने के लिए 1700  ईस्वी से लेकर 1740 तक लिप दिवस (29 फरवरी) का लोप करने का सिलसिला शुरू किया था इस क्रम में उसने 1700 ईस्वी में फरवरी माह से तो लिप दिवस का लोप कर दिया, लेकिन बाद में "ग्रेट नोर्दन्र वोर" में उलझने की वजह से अगले दो मौकों पर यानी 1704 1708 में ऐसा नहीं कर पाया |

 लिहाजा आगे भ्रम की स्थिति से बचने के लिए उसने जूलियन कैलेंडर को फिर से अपना लिया और 1712 ईस्वी में एक अतिरिक्त लिप दिवस 30 फरवरी के रूप में जोड़ा गया | जूलियन कैलेंडर के हिसाब से 29 फरवरी की तारीख ग्रेगोरियन कैलेंडर में 11 मार्च के बराबर होती है | स्विडस ने आखिरकार वर्ष 1753 में  फरवरी के आखिरी 11 दिनों का लोप करते हुए ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपना लिया |

 कुछ लोगो की राय में सोवियत रुस में भी वर्ष 1929 - 40 के दौरान 30 दिन के महीने वाला कैलेंडर चलन में रहा | दरअसल उन दिनों सोवियत रूस में 5 या 6 दिनों के हफ्ते वाला कैलेण्डर सिर्फ कामकाजी दिवस व छुट्टी के दिन की पलानिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता था | जिसमे फवरी 28 या 29  दिनो की ही थी |