प्राचीन चीन के आविष्कारो से चमत्कृत हो गया था यूरोप ➨


प्राचीन चीन वैज्ञानिक प्रगति और आविष्कारों के लिए जाना जाता है | सुपरनोवा यानी , भारी-भरकम द्रव्यमान वाले तारे के विखंडन की प्रक्रिया देखे जाने का पहला लिखित दस्तावेज चीन में ही मिलता है | 4 जुलाई 1054 को चीनी वैज्ञानिकों ने इस घटना को " अतिथि तारे " के अवलोकन के रूप में दर्ज किया था , जिसे अब क्रेब नेब्यूला कहा जाता है |

 विज्ञान-इतिहासकार जोसेफ ने प्राचीन चीन के 4 महान आविष्कारों में दिशासूचक . गनपाउडर , कागज और छपाई का शुमार किया है | इनके बारे में यूरोप मध्ययुग में जान पाया | निधम का मानना है कि चीनियों ने ईसा पूर्व तीसरी सदी में आकाशदीप बना लिया था | तब इस दीपक युक्त उड़न गुब्बारे का इस्तेमाल युद्धकाल में संकेत देने के लिए होता था | चीनियों की बनाई नायाब  चीजों में छायाघड़ी भी है और गिनतारा ( अबेकस ) भी | चीन के महत्वपूर्ण आविष्कारो के मान से 618 - 907 ईसवी में टवंश का शासन स्वर्णकाल था |

 बाद में क्व्विंग वंश ( 1640 - 1912 ) के दौरान पश्चिम और चीन के बीच ज्ञान-विज्ञान का आदान प्रदान हुआ | यह खासतौर पर धर्मप्रचार के लिए चीन पहुंचे मशीनरियो  के कारण संभव  हुआ | डेविड मंगेले के शोध के मुताबिक 1522 से  1800 के दौरान 920 मिशनरियो  ने चीन में काम किया |