रडार - जो दूर की चीजो की सटीक स्थिति बताता है ➨
रडार वास्तव में " रेडियो डिटेक्शन एंड रैगिंग " का संक्षिप्त रूप है , जिसका अर्थ है रेडियो संसूचक एवं सर्वेक्षण | इसका सिद्धांत ईको (प्रतिध्वनि) सिद्धांत से मिलता-जुलता है | इसमें रेडियो ट्रांसमीटर और रिसीवर नामक दो यंत्र एक ही स्थान पर लगे होते हैं , जिनका संबंध एरियल से होता है |
ट्रांसमीटर से विद्युत चुंबकीय तरंगे ( मुख्यता: रेडियो तरंगे ) उत्पन्न होकर अंतरिक्ष में जाती है तथा वायुयान आदि से टकराकर वापस लौट कर आती है तथा रिसीवर द्वारा ग्रहण कर ली जाती है | इससे वायुयान की उपस्थिति , दिशा इत्यादि का ज्ञान हो जाता है | वायुयान की दिशा ज्ञात करने के लिए इसमें दो एरियल एक-दूसरे के लंबवत लगाए जाते हैं तथा ऊंचाई ज्ञात करने के लिए दो एरियल समानांतर लगाए जाते हैं |
आकाश में वायुयानों तथा समुद्र में जहाजों का निर्बांध चलना रडार के कारण ही संभव हो पाया है | वायुयान के चालक रडार की सहायता से मार्ग में आने वाले अवरोधों जैसे मीनार, पहाड़, बादल इत्यादि का पता लगाते हैं | इसी प्रकार समुद्री सतह पर जहाज के मार्ग में आने वाले बड़े-बड़े हिमखंडों, चट्टानों आदि का भी पता रडार द्वारा ही लगाया जाता है | इसकी सहायता से पृथ्वी के गर्भ में छिपे खनिजों का पता भी लगाया जाता है
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