पहला इन्टरनेट वायरस ➨
मोरिस वर्म वास्तव में कंप्यूटर या इन्टरनेट की दुनिया के शुरूआती वायरस प्रोग्राम में से एक है | इस वायरस को 2 नवम्बर 1988 को नन्यूयॉर्क में स्थित कॉर्नेल युनिवर्सिटी के एक छात्र रॉबर्ट टेप्पन मोरिस द्वारा इन्टरनेट भेजा गया था | मोरिस के मुताबिक उसने यह प्रोग्राम इन्टरनेट की साइज़ मापने के लिए लांच किया था | इसे भेजने के तुरंत बाद मोरिस ने पाया की यह उसके अनुमान से कही ज्यादा तेजी से कोम्पुटरो को नुकसान पंहुचा रहा है |
अमेरिका के अनेक विश्वविद्यालयो , सैन्य प्रतिष्टानो और मेडिकल रिसर्च सेंटरो के कंप्यूटर जल्द ही इसकी गिरफ्त में आ चुके थे | आपनी गलती का भान होने पर मोरिश ने प्रोग्रमरो को इस वायरस को खत्म करने और इसका आक्रमण रोकने का तरीका बताते हुए एक गुप्त सन्देश भेजा , लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी | अमेरिका में यूनिक्स अपर चलने वाले तक़रीबन 6000 बड़े कोम्पुटरो को इसने नुकसान पहुचाया |
यह कंप्यूटर जगत का पहला वायरस था , जिसने मुख्यधारा के मिडिया में काफी सुर्खिया बटोरी थी | इसके लिए रॉबर्ट मोरिस को " कंप्यूटर फ्रोड एंड एब्यूज एक्ट " के तहत दोषी टहराते हुए 10,000 डॉलर का जुर्माना लगाया और तीन साल प्रोबेशन में रखने की सजा दी गई |
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