समुद्री हलचलों पर निगाह रखने वाला पहला दूरसंवेदी उपग्रह ➨
सिसैट समुद्री हलचलों पर निगाह रखने के मकसद से बनाया गया दुनिया का पहला दूरसंवेदी उपग्रह था | सिंथेटिक एपर्चर रडार (सार) से लैस यह एक प्रयोगात्मक उपग्रह था , जिसे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेट्री द्वारा तैयार किया गया | इसे वर्ष 27 जून 1978 में 800 किमी की एक व्रताकार कक्षा में लांच किया गया था |
यह उपग्रह दिन में पृथ्वी की चौदह परिक्रमाए लगाता था और 36 घंटे की अवधि में तक़रीबन 96 फिसदी समुद्री सतह की निगरानी करने में सक्षम था | इसमें ऐसे उपकरण लगे थे , जो बादलो को भेदते हुए समुद्र की लहरों की उंचाई , समुद्री सतह के तापमान , जलधाराओ , समुद्री हवाओं , हिमखंडो इत्यादि का मापन करने में समर्थ थे | यह उपग्रह 105 दिनों तक कार्यशील रहा | 10 अक्टूम्बर 1978 को इसके विधुत सिस्टम में जबर्द्स्त शॉर्ट शर्किट होने के बाद इसने काम करना बंद कर दिया ,
जिसके साथ इस मिशन का भी अंत हो गया | इसने दुनिया के सामने पहली बार यह जाहिर किया की समुद्री संबंधी आंकड़े जुटाने के लिए उपग्रह का इस्तेमाल व्यावहारिक तौर पर संभव है | इसके द्वारा जुटाई गई जानकारि से विमानों व जलयानो द्वारा की जाने वाली समुद्रपारीय यात्राओं में भी काफी मदद मिली |
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